35 साल बाद भी भोपाल गैस त्रासदी का बुरा असर गर्भवती महिलाओं पर

तीन दिसंबर को भोपाल गैस त्रासदी को 35 साल हो जाएंगे। उस त्रासदी से पीड़‍ित लोग आज भी अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। माताएं आज भी बीमार बच्चों को जन्म दे रही हैं। हमारे सहयोगी अखबार नई दुनिया के अनुसार, पीड़ि‍तों ने केंद्र और प्रदेश सरकारों पर यूनियन कार्बाइड और उसके मूल संगठन डाउ केमिकल के मालिक के साथ सांठगाठ कर गैस पीड़ि‍तों को गुमराह करने का आरोप लगाया है।यह कहना है यूनियन कर्बाइड हादसे में इंसाफ के लिए लंबे समय से आंदोलन कर रहे चार संगठनों के पदाधिकारियों का। भोपाल में पत्रकारों से चर्चा करते हुए विभिन्न गैस पीड़ि‍त संगठनों ने अपना दर्द साझा किया। इसमें भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन, भोपाल गैस पीड़ि‍त महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ, महिला व पुरुष संघर्ष मोर्चा, डाउ-काबाईड के खिलाफ बच्चे आदि संगठन शामिल थे। इन संगठनों के पदाधिकारियों का दावा है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने एक अध्ययन किया है। यह अध्ययन गैस पीड़ि‍तों को अतिरिक्त मुआवजा दिलाने में मददगार साबित हो सकता है।